Arun Jaitley Stadium pitch report in Hindi क्रिकेट प्रेमियों के बीच हमेशा एक चर्चित विषय रहता है। दिल्ली के इस ऐतिहासिक मैदान पर कोई भी बड़ा मैच हो, उससे पहले हर फैन जानना चाहता है कि यहां की पिच बल्लेबाजों का साथ देगी या गेंदबाजों का। पहले इसे फिरोजशाह कोटला ग्राउंड कहा जाता था, लेकिन 2019 में इसका नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम रखा गया।
अरुण जेटली स्टेडियम का इतिहास
दिल्ली के बीचों-बीच स्थित यह मैदान भारत के सबसे पुराने क्रिकेट ग्राउंड्स में से एक है। इसकी शुरुआत 1883 में हुई थी और तब से लेकर अब तक यह कई यादगार टेस्ट, वनडे और टी20 मैचों की मेजबानी कर चुका है। यहां लगभग 40,000 दर्शकों की बैठने की क्षमता है और जब भी कोई बड़ा मैच होता है, तो स्टेडियम खचाखच भरा रहता है।
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Arun Jaitley Stadium Pitch Report in Hindi
अगर हम Arun Jaitley Stadium pitch report in Hindi की बात करें, तो यहां की पिच ज्यादातर स्पिन गेंदबाजों को मदद करती है। यह सतह धीमी मानी जाती है, जिस कारण गेंद आसानी से बैट पर नहीं आती। यही वजह है कि बल्लेबाजों को बड़ी पारियां खेलने के लिए जमकर मेहनत करनी पड़ती है।
टेस्ट मैचों में पहले दो दिन बल्लेबाजी आसान रहती है, लेकिन तीसरे दिन से दरारें पड़ने लगती हैं और स्पिनर्स का रोल बढ़ जाता है। वहीं वनडे और टी20 मैचों में पहली पारी में बल्लेबाजी करना फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि बाद में रन बनाना मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर यहां 160–180 का स्कोर टी20 में चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
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बल्लेबाजी और गेंदबाजी की स्थिति
- बल्लेबाजी: यह पिच बल्लेबाजों के लिए बिल्कुल फ्लैट नहीं है। जो खिलाड़ी स्ट्रोक्स पर भरोसा करने के बजाय गैप्स खोजकर रन बनाते हैं, उन्हें यहां ज्यादा सफलता मिलती है। लंबी हिट लगाने से ज्यादा टिककर खेलना और रन चुराना फायदेमंद रहता है।
- गेंदबाजी: यहां स्पिनर गेंदबाजों को सबसे ज्यादा फायदा मिलता है। फिंगर स्पिनर्स और लेग स्पिनर्स दोनों को ही टर्न और उछाल मिलती है। तेज गेंदबाज भी स्लोअर बॉल और कटर्स का इस्तेमाल कर विकेट निकाल सकते हैं।
अरुण जेटली स्टेडियम के रिकॉर्ड
इस स्टेडियम ने कई ऐतिहासिक पलों को जन्म दिया है। यहां सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसी दिग्गजों ने शानदार पारियां खेली हैं। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो अनिल कुंबले का पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में एक पारी में 10 विकेट लेना इस मैदान का सबसे यादगार रिकॉर्ड है।
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टीमों के लिए बेस्ट रणनीति
इस मैदान पर खेलने वाली टीमों के लिए सबसे अच्छी रणनीति यही होती है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करें और बड़ा स्कोर खड़ा करें। उसके बाद स्पिनरों के जरिए विपक्षी टीम पर दबाव बनाया जा सकता है। खासकर टेस्ट मैचों में चौथी पारी में यहां बल्लेबाजी करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, Arun Jaitley Stadium pitch report in Hindi यही बताता है कि यह पिच ज्यादातर स्पिनरों के लिए मददगार होती है और बल्लेबाजों को यहां रन बनाने के लिए समझदारी से खेलना पड़ता है। यही कारण है कि इस ग्राउंड पर होने वाले मैच हमेशा रोमांचक और यादगार साबित होते हैं।